लगभग तीन माह बाद चली केमू की बसें

कुमाऊं मंडल में केमू की 350 से अधिक बसों का संचालन होता है। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू से केमू की बसों के पहिए जाम थे। इससे केमू को पूरे कुमाऊं में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। पौने तीन माह बाद केमू का संचालन फिर से शुरू हो गया हैै।
हालांकि पहले ही दिन केमू को जोरदार झटका लगा है। तीन बसों को कुल 18 यात्री ही मिले। यात्री नहीं मिलने से केमू प्रबंधन चिंतित है। केमू प्रंबंधन के मुताबिक यदि यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई तो बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
बसों में बैठने से पहले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। बगैर मास्क पहने और सैनिटाइज के यात्रियों को बसों में प्रवेश नहीं दिया गया।
अल्मोड़ा रोडवेज जिला मुख्यालय से विभिन्न मार्गों पर छह बसों का संचालन कर रहा है लेकिन बसों को 50 फीसदी यात्री नहीं मिल रहे हैं। इससे रोडवेज को लगातार आर्थिक नुकसान हो रहा है। बुधवार को रोडवेज की अल्मोड़ा-अटपेशिया बस में दो, अल्मोड़ा-टनकपुर में आठ, अल्मोड़ा-हल्द्वानी में चार, अल्मोड़ा-बागेश्वर वाया गरुड़ में छह, अल्मोड़ा-हल्द्वानी में छह, अल्मोड़ा-बागेश्वर वाया ताकुला में पांच यात्री रवाना हुए।
पर्वतीय क्षेत्र के यात्रियों के लिए लाइफ लाइन केमू की बसें लगभग तीन माह बाद फिर से सड़कों पर दौड़ने लगी हैं। बुधवार को पहले चरण में ट्रायल के तौर पर जिले में तीन वाहनों का संचालन हुआ। हालांकि पहले दिन बसों में यात्रियों का अभाव रहा। स्टेशन पर चालक, परिचालक यात्रियों को ताकते रहे। केमू को कुल सीट क्षमता के सापेक्ष 50 फीसदी यात्री भी नहीं मिले। इससे केमू प्रबंधन में निराशा है। यात्री क्षमता बढ़ने पर केमू प्रबंधन सेवाओं में इजाफा करेगा।

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