पोषण और कुपोषण
दो रोटी को तरसते हैं,
बात क्या बताए पोषण की
बच्चे शिकार क्यों न हो
माँ थी शिकार कुपोषण की
पालवा चाह कर भी कुछ नहीं कर पाता है।
भूख प्यास सहकर, दो पैसे ही ला पाता है
होती है शिकार औरत
जालसाजी और शोषण की
बच्चे शिकार क्यों न हो
माँ थी शिकार कुपोषण की।
प्रोटीन, काब्रोहाइड्रेड
वसा, खनिज जरूरी है।
पर ये वो क्या समझे
जो करता सिर्फ मजदूरी है।
होते हैं शिकार बच्चे
जालसाजी और शोषण का
बच्चे शिकार क्यो न हो
माँ थी शिकार कुपोषण की।
आदित्य कुमार