होली
बसंत की फुहार और
फागुन की बहार
देखो प्रिय!
आया होली का त्यौहार
रंगीले रंगो से रंगने को
तैयार हूं मैं प्रिय!
राग, द्वेष सब भुलाकर
मुझे रंग लगाओ प्रिय!
मस्ती में सब झूम रहे हैं,
नर और नारी प्रिय!
भांग चढ़ाकर मैं भी झूमू
तुम्हारे संग प्रिय!
राधा कृष्ण के प्रेम मिलन में
देखो सब नाच रहे हैं प्रिय!
तुम्हें रगने की खुशी में,
मैं भी तुम्हारे साथ नाचू प्रिय!
फागुन के इस त्यौहार में
देखो,
कोयल भी गीत गा रही है प्रिय!
प्यार के रंग बरसाने का दिन आया है प्रिय!
तुम्हारे रंग में रंगने का दिन आया है प्रिय!
तुम्हारे रंग में रंगेने का दिन आया है प्रिय!
मानसी जोशी