असत्य पर हुई सत्य की विजय, भगवान श्री राम ने किया रावण का संहार

श्री भुवनेश्वर महादेव मंदिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोडा की नवम दिवस की रामलीला में रावण-कुम्भकर्ण संवाद, कुम्भकर्ण वध, मेघनाद-लक्ष्मण संवाद, मेघनाद वध, सुलोचना विलाप, रावण-अहिरावण संवाद, अहिरावण वध, राम-रावण युद्व,रावण वीरगति आदि मुख्य आकर्षण रहे। देर रात्रि तक दर्शक दीर्धा में उपस्थित दर्शकों ने लीला का आनन्द लिया व कलाकारों का तालियों से उत्साहवर्धन किया साथ ही देश-विदेश के लोगों ने अपने घर बैठे आन-लाईन देखा तथा मंचन से भाव विभोर हुये व अपने संदेशों के माध्यम से रामलीला मंचन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। 

सर्वप्रथम नवम दिवस की रामलीला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि गोबिन्द सिंह कुंजवाल पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक तथा विशिष्ट अतिथि डा.विद्या कर्नाटक ने दीप प्रज्जवलित कर किया। समिति के अध्यक्ष तथा पदाधिकारियों ने मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि को अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत/अभिनन्दन किया। मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि ने अपने सम्बोधन में रामलीला समिति के संरक्षक/संयोजन बिट्टू कर्नाटक तथा समस्त पदाधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि आज महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने वाला यह एक मात्र मंच है जिसके लिये सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि समाज को भगवान श्री राम के जीवन चरित्र व आदर्शो से प्रेरित होकर उनके गुणों को आत्मसात करना चाहिये। 

राम की पात्र दिव्या पाटनी, लक्ष्मण-शगुन त्यागीे, हनुमान-अनिल रावत, रावण-पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक, अंगद-दीपक कर्नाटक, मन्दोदरी- रश्मि काण्डपाल, सुलोचना-हर्षिता तिवारी, मेघनाद-डा.करन कर्नाटक, अहिरावण-प्रकाश पिलखववाल, विभीषण-अजय बिष्ट आदि ने जीवन्त अभिनय किया। रावण-कुम्भकर्ण तथा रावण-अहिरावण संवाद तथा सुलोचना विलाप नवम दिवस की रामलीला के मुख्य आकर्षण रहे। रावण, कुम्भकर्ण, मेघनाद, सुचोलना, अहिरावण के पात्रों के जीवन्त अभिनय एवं संवादों ने सभी दर्शकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन बिट्टू कश्यप द्वारा किया गया।