तीन दिवसीय राष्ट्रीय चित्र प्रदर्शनी शीर्षक : भारतीय कला मे श्रीमद्भागवत गीता का प्रभाव (गीता के अध्यात्म, दर्शन, ज्ञान-विज्ञान कथा तथा राधाकृष्ण की लीलाओं के विशेष संदर्भ में) के दूसरे दिन सर्वश्रेष्ठ दस चित्रों के चयन हेतु निर्णायक मंडल के रूप में उपस्थित श्री त्रिभुवन गिरी महाराज (पुरवासी संपादक, हुक्का क्लब), डॉ. पारुल सक्सेना (विभागाध्यक्ष कंप्यूटर विभाग), डॉ. संगीता पवार (समन्वयक महिला अध्ययन केंद्र शिक्षा विभाग) द्वारा संयुक्त रूप से प्रोफेसर सोनू द्विवेदी (मुख्य समन्वयक) के दिशा निर्देश में किया गया।
प्रतिभागी कलाकारों के द्वारा अपने चित्रों के भाव और संयोजन से न्यायिक मंडल सदस्यों को अवगत कराया गया न्यायिक मंडल ने चित्रों का चयन विषयगत रूप भाव रंग संयोजन तथा प्रस्तुतीकरण की विशिष्ट शैली के आधार पर किया चयनित नामों की घोषणा कल दिनांक 28 दिसंबर को समस्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं श्रीमद्भगवद्गीता की प्रति के साथ सम्मानित करते हुए की जाएगी। आज मीडिया बंधुओं के आकर्षण का केंद्र रही प्रमुख कलाकृति द्रौपदी अपमान, कलयुग, जीवन मंथन, श्री कृष्ण विराट स्वरूप, मधुबनी शैली पर आधारित राधा कृष्ण लीला, आत्म सृजन आदि कार्यक्रम का संचालन योगेश डसीला एवं कौशल कुमार के द्वारा किया गया रमेश मौर्य एवं प्रतिभागी कलाकार पंकज जायसवाल, नमिता, सोनिया, रितम, दिशा, गौरव पांडे, शिवम ने संयुक्त रूप से बैच लगाकर एवं पुष्प गुच्छ देकर किया। प्रोफेसर सोनू द्विवेदी ‘शिवानी’ ने न्यायिक मंडल को बताया कि यह कार्यक्रम ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के अंतर्गत ‘गीता जयंती’ 22 दिसंबर के पावन अवसर पर मननीय कुलपति सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के संरक्षण एवं परिसर निदेशक के निर्देशन में आयोजित की गई है।
कल दिनांक 28 दिसंबर को प्रमाण पत्र वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर जगत सिंह बिष्ट (पूर्व कुलपति एवं शोध निदेशक सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा) विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर प्रवीण बिष्ट (परिसर निदेशक) एवं त्रिभुवन गिरी महाराज जी (पुरवासी संपादक, हुक्का क्लब) प्रोफेसर शेखर चंद्र जोशी (अधिष्ठाता छात्र कल्याण) होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर भीमा मनराल (संकायाध्यक्ष शिक्षा संकाय) द्वारा की जाएगी।
कार्यक्रम के सह-संयोजक डॉ. संजीव आर्य ने सभी का धन्यबाद किया। तकनीकी सहयोगी संतोष सिंह मेर एवं विशेष सहयोगी पूरन सिंह, जीवन चंद्र जोशी एवं दृश्यकला संकाय और चित्रकला विभाग के समस्त विद्यार्थी के प्रयास की उपस्थित दर्शकों ने सराहना की।
प्रर्दशनी संयोजन और आंतरिक सज्जा मे विशेष सहयोग संदीस एमएफए 1 सेम, अविनाश एमएफए 1 सेम, विनोद बीएफए 3 सेम, नमीता बीएफए 5 सेम, विरेन्द्र, अमन, रितम, सार्थक, निकेतन, शिवम जिंगवाल दिया है।