प्राकृतिक चिकित्सा पर पांच दिवसीय कार्यशाला का समापन, योग, प्राकृतिक चिकित्सा एवं वैदिक चिकित्सा विश्व के सबसे कम ख़र्चीली एवं सर्वाधिक सकारात्मक परिणाम प्रदान करने वाली चिकित्सा पद्धति है

योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के अंतर्गत संचालित योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा एवं चिकित्सकीय उपचार विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला का समापन हो गया है। कार्यशाला के समापन सत्र में योग शिक्षक डॉ लल्लन कुमार सिंह, डॉ गिरीश अधिकारी, रजनीश जोशी, हेमलता अवस्थी ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर किया। इसके पश्चात योग विज्ञान विभाग की छात्राओं के द्वारा वंदना एवं स्वागत गीत किया गया। इसके पश्चात योग विज्ञान विभाग के प्रशिक्षक एवं कार्यशाला के संयोजक डॉ0 गिरीश अधिकारी ने पांच दिवसीय कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि योग विज्ञान विभाग के प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र द्वारा पांच दिवसीय कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांतों को समझाया गया तथा मह तत्व चिकित्सा के विषय में बताया गया तथा पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश एवं वायु तत्व के द्वारा चिकित्सा की विधि प्रतिभागियों को सिखायी गयी। 

योग शिक्षक लल्लन सिंह ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा विश्व की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धित है और इसके प्रयोग विभिन्न रोगों का उपचार संभव है। योग शिक्षक रजनीश जोशी ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा में मह-तत्व का विशिष्ट स्थान है। ईश्वर या परमशक्ति पर आस्था एवं विश्वास के द्वारा ही कई मनोव्यधियों का निराकरण हो सकता है। योग प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा रोग निराकरण के साथ ही स्वरोजगार को भी बढ़ावा देता है। इसके पश्चात कार्यशाला में प्रतिभाग कर रही

भावना उपाध्याय ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा विभिन्न प्रकार के रोगों का उपचार करना सीखा साथ ही यह हमें प्रकृति से जोड़ने के साथ ही चिकित्सा लेने की आनन्द प्रदान करने वाली चिकित्सा है। कार्यक्रम का संचालन योग विज्ञान विभाग के शिक्षक रजनीश जोशी ने किया।

इस अवसर पर योग विज्ञान विभाग के शिक्षक लल्लन कुमार सिंह, विद्या नेगी के साथ ही हेमलता अवस्थी, सहित गीतांक्षी तिवारी, रश्मि काण्डपाल, पूजा कोरंगा, गंगा, पूजा, भावना, शोभा, पूजा बोरा, संगीता, कविता, चेतना, बिना, जानकी, प्राशु, नीतू, कविता, पायल,भाषा, भावना, केशव, रोहित, कोमल, पूजा सैनी, महक शर्मा, पंकज, प्रमोद, अभय, संतोष, हर्षिता, हेमलता चौहान, आदित्य, अंकित, प्रदीप कुमार ग्वासीकोटी, ललिता, निशा, गोवर्धन आदि लोग उपस्थित रहे।