विश्व जल दिवस पर कार्यशाला का हुआ आयोजन

अल्मोड़ा। उत्तराखंड राज्य में प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान परिषद एवं ग्रीन हिल्स ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में शहर के होटल जीवन पैलेस के सभागार में कार्यशाला का किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि डॉ रमेश सिंह पाल (वरिष्ठ वैज्ञानिक) VPKAS कोसी द्वारा अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि भारत की बढ़ती जनसंख्या औद्योगिकीकरण, वनों के कटान, ग्लोबल वार्मिंग जैसे कारणों के रहते हुए इस दशक के अन्त तक प्राकृतिक जल स्रोतों से उपलब्ध शुद्ध जल का अभाव हो जायेगा। इस हेतु जल संवर्धन एवं संरक्षण वैगयनिक पहलुओं को आम नागरिकों तक प्रेषित करना आवश्यक है। प्रो. जे. एस. रावत, जीआईएस विशेषज्ञ द्वारा अपने व्यख्यान में पर्वतीय हिमालयी उदगम एवम वन उदगम के जल स्रोतों नदियों नौलों धारो के रख रखाव की विधियों पर विस्तार से अपने सुझाव रखे। डा वसुधा पंत सचिव ग्रीन हिल्स ट्रस्ट द्वारा अपने संगठन के प्रारम्भ से लेकर आज तक की गतिविधियों को संछेप में प्रस्तुत किया गया तथा उनके द्वारा वर्तमान में सुयाल नदी की एक उदगम शाखा बालधोटी पर किए गए प्रयासो के पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उदगम स्थल पर वृक्षारोपण वृक्ष संरक्षण घेरबाड़ एवम सफाई सहित धरातलीय कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया। 


कार्यशाला का संचालन डा भुवन चन्द्र सचिव कार्यशाला द्वारा किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता प्रो हरीश चन्द्र जोशी, द्वारा की गई कार्यशाला के संयोजक प्रो एन डी कांडपाल द्वारा जल संवर्धन में पूर्वांचल के पर्वतीय क्षेत्रों सहित उत्तराखंड के हिमालयी भू भाग का राष्ट्र स्तरीय महत्व बताया गया। 
भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के जिलाध्यक्ष रूप सिंह बिष्ट द्वारा स्थानीय लोग गीत के द्वारा जल के महत्व पर प्रकाश डाला। उनके साथ गायन में श्रीमती लता पांडे द्वारा संगीत की गई एवम कार्यशाला का समापन प्रतिभागियो के द्वारा समूह गीत हम होंगे कामयाब के साथ किया गया।
इस अवसर पर नामित जोशी, तारा चन्द्र शाह, के एन कांडपाल, पवन जोशी, डा जे सी दुर्गापाल, भूपेंद्र वल्दिया, दीपक गैड़ा, रश्मि खुल्बे, आशा कांडपाल, अंशु टम्टा, देवेश पांडे, चंद्र प्रकाश, अंजली भोज, कंचन, जयेश पंत, दीपक जोशी, डा राजेन्द्र जोशी आदि उपस्थित थे।